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क्या है कोरोना पर भारत के लिए अच्छी, लेकिन बिहार के लिए बुरी खबर?

पटना : कोरोना पर देश के लिए जहां अच्छी खबर है, वहीं बिहार के लिए बुरी। भारत में लगातार कोरोना मामलों में गिरावट हो रही है और आज बुधवार को यह निम्मनतम रहा। जबकि बिहार में कोरोना गाइडलाइन की मजबूरियों के चलते ही इस वर्ष भी विश्वप्रसिद्ध सोनपुर मेले को रद्द कर दिया गया है। इससे बिहार के लोगों और व्यवसाइयों में भारी नाखुशी देखी जा रही है।

विश्वप्रसिद्ध सोनपुर मेला इस वर्ष भी रद्द

राज्य के पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद ने पटना में जानकारी देते हुए बताया कि इस बार भी सोनपुर मेले के आयोजन की उम्मीद नहीं है। पर्यटन विभाग ने मेला आयोजन के संबंध में जिला प्रशासन का मंतव्य मांगा था। लेकिन संबंधित जिले से अब तक कोई जवाब नहीं आया है।

सांकेतिक आयोजन की सोच रहा प्रशासन

बताया जाता है कि सोनपुर मेले की ऐतिहासिकता और राज्य लोगों की भावनाओं को देखते हुए इस वर्ष मेला स्थल पर प्रशान प्रार्थना सेवा और अनुष्ठान आयोजित किये जा सकते हैं। इस दौरान भी सामाजिक दूरी और अन्य कोरोना बचाव प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जाएगा।

औरंगजेब काल में हाजीपुर से सोनपुर आया मेला

विदित हो कि हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा को सोनपुर में एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला लगता है। कोविड के चलते पिछले साल से ही यह मेला आयोजित नहीं किया जा रहा। इस मेले का पौराणिक महत्व भी है और प्राचीन काल से ही यह जानवरों के व्यापार के लिए मशहूर रहा है। इस मेले में सूई से लेकर हाथी तक की खरीददारी की जा सकती हैं। इसे ‘हरिहर क्षेत्र मेला’ के नाम से भी जाना जाता है। स्थानीय लोग यह भी बताते हैं कि पहले यह मेला हाजीपुर में लगता था और सोनपुर में इस मेले के प्रारंभ में केवल हरिहर नाथ की पूजा होती थी। लेकिन मुगल शासक औरंगजेब के आदेश के बाद मेला सोनपुर में ही लगने लगा।