बिहार में अवैध बालू खनन पर होती है छापेमारी, पर दर्ज नहीं होता केस

0

पटना : बिहार के गंगा किनारे के इलाकों में अवैध खनन का कारोबार जबरदस्त तरीके से चल रहा है। इस अवैध खनन के धंधों ने कई पुलिसवालों की नौकरी भी ले ली लेकिन इसके बावजूद इसके रोकथाम में पुलिस वाले की लापरवाही देखने को मिल रही है। अवैध खनन को लेकर खनन विभाग और राज्य पुलिस की तरफ से आए दिन छापेमारी होती है लेकिन इस छापेमारी के बाद भी खनन विभाग और पुलिस विभाग द्वारा इन मामलों में प्राथमिकी दर्ज करने में बड़ी कोताही बरती जा रही है।

16 सौ छापामारी अभियान चलाए गए

दरअसल, एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार इस साल सितंबर महीने तक सभी जिलों को मिलाकर करीब 16 सौ छापामारी अभियान चलाए गए, लेकिन प्राथमिकी करीब 350 ही दर्ज कराई गई। कुछ जिलों में तो छापेमारी तो हुई, लेकिन प्राथमिकी शून्य ही हैं। कहा जा रहा है कि समस्तीपुर से लेकर खगड़िया तक जैसे जिलों ने तो प्राथमिकी का खाता तक नहीं खोला। जबकि इन जिलों में अलग-अलग समय में बालू माफिया के खिलाफ कई छापामारी अभियान चलाए गए। पिछले 9 महीने में करीब 1597 छापामारी अभियान चले जबकि जो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं उनकी संख्या 366 हैं।

swatva

प्राथमिकी दर्ज में कोताही

माना जा रहा है कि बालू के अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए खान एवं भू-तत्व विभाग के तरफ से चुस्ती तो दिखाई जाती है, लेकिन इसके बाबजूद इन मामलों में प्राथमिकी दर्ज में कोताही बढ़ती जा रही है, जिससे खान एवं भू-तत्व विभाग की सारी कवायद ध्वस्त होती नज़र आती हैं। बावजूद इसके कि खनन अफसर विभाग के निर्देश पर स्थानीय पुलिस टीम की मदद से छापामारी तो करते हैं, लेकिन वे लोग भी बालू माफियाओं के ख्वाब से उनपर प्राथमिकी दर्ज कराने से बचते हैं।

पिछले दिनों हुई समीक्षा बैठक

मिली जानकारी के मुताबिक खान एवं भू-तत्व विभाग के निदेशक स्तर पर पिछले दिनों एक समीक्षा बैठक हुई थी। जिसमें राजस्व संग्रहण से लेकर अवैध खनन के खिलाफ जिलों में की गई गई कार्रवाई पर चर्चा हुई। जिसमें यह बात सामने आई कि अवैध खनन करने वालों के खिलाफ जिलों में प्राथमिकी दर्ज करने में घोर लापरवाही हो रही है।

वहीं, इस समीक्षा बैठक में जिलों की यह लापरवाही सामने आने के बाद विभाग के निदेशक के स्तर से जिलों के खनन पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि अवैध खनन के विरूद्ध जिले के संबंधित थानों में प्रत्येक कार्रवाई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराए। जिलों को यह हिदायत भी दी गई है कि दर्ज प्राथमिकी की सूचना से मुख्यालय को भी अवगत कराया जाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here