सास-बहू की चुनावी तकरार में किसकी जीत, किसकी हार 

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पटना : बिहार में हो रहे पंचायत चुनाव को लेकर हर रोज एक नया और रोचक मामला देखने को मिल रहा है। कहीं, लोग चुनावी मैदान में उतरने के लिए दूसरी जाति की पिछड़ी महिला से दूसरी शादी कर रहे हैं, तो कहीं एक ही घर से पति-पत्नी दोनों चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। वहीं, ताजा मामला मुज़फ्फरपुर, औराई प्रखंड के धरहरवा पंचायत की है। जहां से मुखिया पद के लिए एक ही घर से सास और बहू दोनों एक ही पद के लिए नामांकन दर्ज करवाया है। इंदलेश देवी अपनी मंझली बहू सुनीता देवी के विपक्षी के रूप में चुनावी मैदान में कूदी हैं।

इंदलेश देवी, सुनीता देवी

सास-बहू चुनावी मैदान में

मुज़फ्फरपुर के औराई प्रखंड की धरहरवा पंचायत में मतदान 10 वें चरण में 08 दिसंबर को होनी है, जिसमें नामांकन वापसी की तिथि 8 नवंबर थी, जो बीत गई है। लेकिन, दोनों में सुलह नहीं हुआ और किसी ने अपना नाम वापिस नहीं लिया, दोनों सियासी मैदान में अपने-अपने चुनाव चिन्ह को लेकर घर-घर जाकर वोट मांग रही हैं। सास-बहू के साथ कुल 12 महिलाएं चुनावी मैदान में मुखिया पद के लिए कूदी हुई हैं।

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पर्दे के पीछे भाइयों का सियासी जंग

बताया जा रहा है कि यह चुनावी लड़ाई सास-बहू की नहीं बल्कि दो सियासी आकांक्षी भाइयों की है। बड़े भाई संजय कुमार गुप्ता और छोटे भाई अपने माँ के लिए वोट मांग रहे हैं, तो वहीँ मंझले भाई पत्नी के लिए वोट मांग रहे हैं। संजय कुमार गुप्ता धरहरवा पंचायत में वर्त्तमान पैक्स अध्यक्ष व पूर्व मुखिया हैं। साथ ही उनकी पत्नी सरकारी सेवा में हैं। पंचायत की सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होने की वजह से उन्होंने 2016 में सबिता देवी(भाई की पत्नी) को उतारा था। लेकिन वो पिछड़ गई थीं। इसलिए इसबार उन्होंने मां को सियासी मैदान में उतारा है।

साख का है चुनाव

सियासी रंग में रंगने की वजह से सबिता देवी को पीछे हटना मंजूर नहीं रहा, इसलिए वो अपने लिए, पति बिपिन के साथ अपने चुनाव चिन्ह पर वोट मांग रही हैं। वहीँ संजय कुमार गुप्ता का कहना है कि परिणाम पर इसका कोई भी प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। वो अपने और मैं अपने साख पर चुनाव लड़ रहा हूँ।

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