नयी दिल्ली/पटना : सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में बालू खनन पर लगी रोक हटाते हुए राज्य सरकार को खनन गतिविधियों के लिए अनुमति दे दी है। सरकार को राज्य खनन विभाग के जरिए बालू निकालने की अनुमति दी गई है। अदालत ने कहा कि बालू खनन के मुद्दे से निपटते समय पर्यावरण के सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए टिकाऊ विकास के संतुलित तरीकों को लागू करना जरूरी है। बिहार सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह इन सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करेगी।
राजकोष का होता है नुकसान
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के खिलाफ बिहार सरकार की अपील पर यह आदेश दिया है। जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाले तीन जजों की पीठ ने कहा कि बालू खनन पर पूरी तरह से बैन लगाने से सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान होता है। अदालत ने निर्देश दिया कि बिहार के सभी जिलों में खनन के लिए जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करने की कवायद नए सिरे से की जाए। सर्वोच्च न्यायालय ने बालू खनन पर निर्णय देते हुए यह भी कहा कि सार्वजनिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निर्माण और सरकारी व निजी निर्माण गतिविधियों के लिए बालू जरूरी है।