बिहार में दधीचि की परंपरा को जीवंत कर गए वरिष्ठ प्रचारक ओमप्रकाश गर्ग

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पटना: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक रहे ओमप्रकाश गर्ग के शनिवार के निधन के बाद रविवार को अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर विजय निकेतन स्थित संघ कार्यालय में रखा गया। बड़ी संख्या में नेताओं व स्वयंसेवकों ने अंतिम दर्शन किए और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। अंतिम दर्शन के दौरान ‘कौन चला, कौन चला, भारत मां का लाल चला’, ‘राम नाम सत्य है’ जैसे नारे गूंजते रहे।

दधीचि देहदान समिति के महासचिव पद्मश्री विमल जैन ने बताया कि निधन के दिन यानी शनिवार को ही राजेंद्र नगर स्थित संघ के क्षेत्र कार्यालय ‘विजय निकेतन’ में उनका नेत्रदान किया गया। रविवार को विजय निकेतन में अंतिम दर्शन के पश्चात उनके पार्थिव शरीर को इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में ले जाया गया, जहां चिकित्सीय शोध एवं उपचार हेतु उनके शरीर को सौंप दिया गया। उन्होंने बताया कि ओमप्रकाश गर्ग का जीवन ऋषि तुल्य रहा और निष्प्राण होने के बाद भी उनका भौतिक शरीर आयुर्विज्ञान व मानवता के कल्याण के लिए उपलब्ध है। ‘जिवेम शरद: शतं’ को साकार करने वाले ओमप्रकाश गर्ग बिहार में दधीचि की परंपरा को जीवंत कर गए। इस प्रकार वे राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख के मार्ग के सहयात्री हो गए। सनातन परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार की दृष्टि से कुश की प्रतिमा बनाकर उनका श्राद्धकर्म एवं पिंडदान किया जाएगा।

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विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आरएन सिंह, आरएसएस के क्षेत्र कार्यवाह डॉ. मोहन सिंह, क्षेत्र प्रचारक रामनवमीजी, सहक्षेत्र प्रचारक राम कुमार, प्रांत प्रचारक राणा प्रताप, बिहार सरकार के मंत्री मंगल पांडेय, नितिन नवीन, जिवेश कुमार, सम्राट चौधरी, सांसद रविशंकर प्रसाद, सुशील कुमार मोदी, सामाजिक कार्यकर्ता संजीव कुमार यादव, अर्जित चौबे, ऋतुराज सिन्हा, चिति के प्रो. किस्मत कुमार सिंह समेत कई अन्य ने गर्ग के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अंतिम प्रणाम किया।

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