संघ की आकांक्षा, 2025 तक भारत का अंतिम व्यक्ति बने खुशहाल

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बिहार में 1 हजार 33 स्थानों पर चल रही 1405 दैनिक शाखा

अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बांग्लादेश की घटना पर हस्तक्षेप की मांग

पटना : विश्व संवाद केन्द्र में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर-पूर्व क्षेत्र (बिहार-झारखंड) के क्षेत्र कार्यवाह मोहन सिंह एवं दक्षिण बिहार के प्रांत संघचालक राजकुमार सिन्हा ने बताया कि आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक कर्नाटक के हुबली जिले के धारवाड़ में 28-30 अक्टूबर, 2021 तक हुई। इस बैठक में पूरे देश से 368 स्वयंसेवक अपेक्षित थे, जिसमें 346 स्वयंसेवक उपस्थित रहे। कोरोना के प्रकोप के बाद यह पहली प्रत्यक्ष बैठक थी। बिहार से इस बैठक में 15 अपेक्षित थे, इसमें 14 स्वयंसेवक उपस्थित रहे। बैठक में राष्ट्रीय महत्त्व के विषयों की चर्चा हुई।

उन्होंने बताया कि आज संघ के वर्तमान स्थिति की समीक्षा एवं भविष्य के योजनाओं पर भी चर्चा हुई। बैठक में कोराना काल में संघ के स्वयंसेवकों द्वारा किये गये विभिन्न प्रकार के सेवा कार्यों की विशेष चर्चा हुई। बैठक में बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हुए उन्मादी इस्लामिक आक्रमण के संबंध में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया।

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इस्लामीकरण के जिहादी संगठनों के षड्यंत्र की हुई घोर निंदा

अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हुए हिंसक आक्रमणों पर अपना दुःख व्यक्त किया। वहां के हिन्दु अल्पसंख्यकों पर हो रहे क्रूर हिंसा और बांग्लादेश के व्यापक इस्लामीकरण के जिहादी संगठनों के षड्यंत्र की घोर निंदा भी प्रस्ताव में की गई। हिन्दू समाज व हिन्दू मंदिरों पर बेरोक-टोक हिंसक आक्रमण चल रहा है। गत दुर्गापूजा के पावन काल में भी अनेक निरअपराध हिन्दुओं की हत्या हुई। हिन्दु समाज को लक्षित कर लगातार हिंसा का वास्तविक उद्देश्य बांग्लादेश से हिन्दु समाज का संपूर्ण निर्मूलन है। विभाजन के समय पूर्वी बंगाल में हिन्दुओं की जनसंख्या 28 प्रतिशत थी जो अब घटकर 8 प्रतिशत हो गई है।

रामकृष्ण मिशन, भारत सेवा श्रम संघ, इस्काॅन, विश्व हिन्दू परिषद् जैसे संगठनों एवं संस्थाओं के प्रयास की सराहना

अ.भा. कार्यकारी मंडल ने मानवाधिकार के तथाकथित प्रहरी संगठनों और संयुक्त राष्ट्र से संबंधित संस्थाओं के गहरे मौन पर भी चिंता व्यक्त की। मंडल ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया कि वह इस हिंसा का निंदा करने के लिए आगे आए तथा हिन्दू बौद्ध एवं अन्य अल्पसंख्यक समाज के बचाव व सुरक्षा हेतु अपनी आवाज उठाये। कार्यकारी मंडल में पीड़ित बांग्लादेश के हिन्दू भाई-बहनों के साथ जुड़कर संपूर्ण सहयोग करने वाले रामकृष्ण मिशन, भारत सेवा श्रम संघ, इस्काॅन, विश्व हिन्दू परिषद् जैसे संगठनों एवं संस्थाओं के प्रयास की सराहना की। प्रस्ताव में यह भी बताया गया कि रा.स्व.संघ एवं संपूर्ण हिन्दू समाज इस कठिन एवं चुनौतीपूर्ण समय में उनके साथ डटकर खड़ा है।

बिहार में 1 हजार 33 स्थानों पर 1405 दैनिक शाखा

कार्यकारी मंडल की बैठक में संघ के कार्यों की भी समीक्षा हुई। देश में 11 क्षेत्र एवं 45 प्रांत हैं। पूरे देश में 33 हजार 658 स्थानों पर 54 हजार 382 दैनिक शाखा चल रही है। 18 हजार 490 स्थानों पर साप्ताहिक मिलन एवं 7 हजार 905 संघ मंडली चल रही है। बिहार में 1 हजार 33 स्थानों पर 1405 दैनिक शाखा, 533 साप्ताहिक मिलन एवं 97 संघ मंडली चल रही है। बिहार में 2500 से अधिक सेवा कार्य चल रहे हैं। संघ के स्वयंसेवकों द्वारा शिक्षा, चिकित्सा, स्वाबलंबन, पर्यावरण, ग्राम विकास, गौ सेवा जैसे सेवा कार्य किये जा रहे हैं। संघ के स्वयंसेवकों ने कुछ गांव को गोद लेकर उस गांव के समेकित विकास का प्रयास कर रहे हैं।

बिहार में संघ के स्वयंसेवकों द्वारा सेवा के अनेक प्रकार के कार्य जारी

बिहार में संघ के स्वयंसेवकों द्वारा सेवा के अनेक प्रकार के कार्य किये जा रह हैं। भोजपुर के कोइलवर प्रखंड अंतर्गत बहियारा में जैविक कृषि, गौ पालन एवं स्वदेशी नस्ल के गायों के उन्नयन का कार्य चल रहा है। वहीं पटना के पैनाल में भी जैविक खेती, गो पालन एवं स्वदेशी नस्ल के गायों के उन्नयन का प्रयास चल रहा है। मुजफ्फरपुर के औराई में जैविक कृषि और गौ सेवा का विशेष कार्य चल रहा है। वहां गांव के समेकित विकास का माॅडल खड़ा करने का भी प्रयास चल रहा है। यहां के प्रयास का अवलोकन करने सरसंघचालक माननीय मोहन भागवत भी इस वर्ष फरवरी में गये थे। कृषि के माध्यम से स्वाबलंबन का प्रयोग किशनगंज के ठाकुरगंज में चल रहा है। वहां विशेष प्रकार के फल का उत्पादन किया जा रहा है।

कार्यकारी मंडल के बैठक के समापन सत्र में रा.स्व.संघ के सरसंघचालक माननीय मोहन भागवत ने सभी स्वयंसेवकों का आह्वान किया कि वे आने वाले 2025 तक प्रत्येक गांव के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच कर उसके कष्टों का अवलोकन करें एवं उसके समाधान के लिए हर संभव प्रयास करें ताकि भारत हर प्रकार से सक्षम होकर अपने प्राचीन गौरव के आधार पर दुनिया का मार्गदर्शन कर सके।

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