पटना : बिहार में तारापुर और कुशेश्वरस्थान में 30 अक्टूबर को मतदान संपन्न हो गया। वहीं बिहार की सबसे बड़ी राजनीतिक दल राजद इस उपचुनाव को सत्ता की संभावना के तौर पर देख रही है। उनके लिए यह चुनाव करो या मरो वाली स्थिति का है। इस चुनाव गंभीरता को इस नजर से देखा जा सकता है कि 6 साल बाद लालू प्रसाद को चुनावी मैदान में उतरना पड़ा है।
दरअसल, तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट पर राजद जीत दर्ज करने में कामयाब होती है तो बिहार में सत्ता परिवर्तन हो सकता है। हालांकि 75 विधायकों वाली राजद मात्र दो सीटों पर जीत दर्ज कर सीधे सत्ता के द्वार तक तो नहीं पहुंच सकती है। लेकिन आंकड़ों में यदि थोड़ा जोड़-घटाव, गुणा-भाग किया जाए तो एक नए समीकरण बनने की संभावना जरूर पैदा होती हुई नजर आ रही है।
दो सीट बदल सकते हैं समीकरण
गौरतलब है कि, अभी बिहार में सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा 122 है। वर्तमान में एनडीए गठबंधन के पास 125 सीटें हैं। जबकि महागठबंधन में कांग्रेस समेत कुल योग 110 है। वहीं, यदि राजद की जीत के दावे सच भी होते हैं, तो कांग्रेस समेत ये योग 112 का होता है। इसके बाद अगर एआआईएम के 5 और 1 निर्दलीय विधायक साथ आते हैं तो कुल योग 117 बनता है। इसके बाद राजद जीतनराम मांझी की पार्टी हम और मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी को एक बार फिर से शामिल कर लेती है तो राजद बिहार में सरकार बना सकती है।
मांझी और सहनी का होगा मुख्य रोल
राजनीतिक जानकारों की मानें तो वर्तमान में बिहार में नीतीश कुमार की सरकार जीतनराम मांझी और मुकेश सहनी के भरोसे ही चल रही है। इसके साथ ही मुकेश सहनी कुछ समय पहले तक बिहार सरकार के अफसरों पर अफसरशाही का आरोप लगाकर इस्तीफा देने की बात कह भी चुके हैं। जानकारी हो कि मुकेश सहनी विधानसभा चुनाव से पहले राजद और तेजस्वी यादव के साथ – साथ रहे हैं। यही वजह है कि तेजस्वी यादव उन्हें अपने पाले में कर सकते हैं।
वहीं, जानकारों की मानें तो पिछले कुछ दिनों से जीतनराम मांझी का भी सरकार से कई मु्दों पर मतभेद चल रहा है। इसके साथ ही मांझी को राजद के तरफ से बड़ा तोहफा भी दिया जा रहा ताकि वह एनडीए से गठबंधन तोड़ कर राजद के साथ मिलकर नई सरकार बनाएं। तेजस्वी को उम्मीद है कि मांझी से अगर सही डील की जाय तो उन्हें भी पाला बदलने के लिए राजी किया जा सकता है।
बहरहाल, देखने वाली बात यह है कि जो बातें वर्तमान में चर्चा में चल रही है वह कितना सही होता है और यदि सही में राजद उपचुनाव में दोनों सीटों पर चुनाव जीतती है तो वह नीतीश कुमार की सरकार को गिरा पाती है या नहीं।