क्रिकेट विजय को मजहबी और भारत राष्ट्र पर विजय के रूप में परिणत करने की कुचेष्टा : अरविंद सिंह
पटना : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि 20 – 20 ओवर का एक क्रिकेट मैच अगर देश की विजय और पराजय का पर्याय बन जाए, इसमें राजनीति मजहब,विचारधारा सब कुछ शामिल हो जाए तो मान लीजिए हम खतरनाक दौड़ में हैं। टी20 को तो क्रिकेट के गंभीर जानकार क्रिकेट भी नहीं मानते।
अरविंद सिंह ने कहा कि पाकिस्तान की जीत और भारत की हार के बाद जो दृश्य बना हुआ है निश्चित रूप से वह भयभीत करता है। किसी भी टीम की जीत पर उसको बधाई देना, तालियां बजाना सभ्य मानवीय व्यवहार की श्रेणी में आएगा।
सच बोलने से बचते हैं लोग
उन्होंने कहा कि हमारे देश की समस्या है कि बहुत कुछ देखते हुए भी हम आंखें मूंदे रहते हैं या सच बोलने से बचते हैं। किसी गलत प्रवृत्ति पर चुप रहने या उसका विरोध नहीं करने से धीरे-धीरे वह भयानक समस्या में परिणत हो जाती है और तब उसे संभालना ज्यादा करना कठिन हो जाता है। सच यही है कि जिन क्षेत्रों में पाकिस्तान की जीत के जश्न मनाए गए उनमें भारत की जीत के बाद शायद ही कभी ऐसे दृश्य दिखे हों। आप में से किसी ने देखा हो तो निश्चित रूप से सामने लाएं। वास्तव में पाकिस्तान की विजय पर मना रहे जश्न के वीडियो में साफ तौर पर एक उन्माद दिखाई देता है।
कश्मीर में पाकिस्तान समर्थक
अरविंद सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया पर भी यह उन्माद साफ दिखाई देता है। उन्माद किस चीज का हो सकता है इसका विश्लेषण आप करिए। कश्मीर में पाकिस्तान समर्थक हैं यह कोई छिपा रहस्य नहीं है। धारा 370 हटाने तथा उसके पूर्व और बाद में की गई सुरक्षा व्यवस्था से वे तत्काल पस्त हुए हैं पर खत्म नहीं हुए। वे निराश हैं कि न पाकिस्तान कश्मीर में पहले की तरह दखल दे पा रहा और न उन्हें खुलकर भारत विरोधी गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिल रहा है। इसमें उन्हें पाकिस्तान की भारत को पराजित कर देने जैसा संतोष मिल रहा है तो उनकी बुद्धि पर तरस ही आनी चाहिए।
5 अगस्त 2019 के बाद जम्मू कश्मीर में खत्म हुआ दहशत
वैसे तो 5 अगस्त 2019 के बाद जम्मू कश्मीर में दहशत,आतंकवाद,भय, भ्रष्टाचार व परिवारवाद का युग समाप्त हुआ और यहाँ शांति, विकास, समृद्धि व सहअस्तित्व के एक नए युग की शुरूआत हुई।
J&K को शांति व विकास का राजदूत बनाना हमारा लक्ष्य
मुझे विश्वास है कि नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में J&K जल्द ही भारत के विकास में योगदान देने में अग्रणी बनेगा। कश्मीर की 70% आबादी 35 साल के नीचे है जम्मू कश्मीर की लगभग 70 प्रतिशत आबादी युवा है जिसकी आयु 35 वर्ष से कम है। नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में इस युवा शक्ति के मन में एक नई आशा जगाकर इन्हें विकास से जोड़कर,J&K की शांति व विकास का राजदूत बनाना हमारा लक्ष्य है, जिससे कभी भी कोई कश्मीर की शांति में खलल नहीं डाल सकेगा।
हमारे लिए यही फाइनल
अरविन्द ने कहा है कि इस पर विचार करने के पहले पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद की प्रतिक्रिया को जरूर याद रखिए। उन्होंने इस विजय को पाकिस्तान ही नहीं संपूर्ण दुनिया और भारत के मुस्लिम कौम की भी जीत घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा है कि हमारे लिए यही फाइनल था। वे समूची मुस्लिम कौम को बधाई दे रहे हैं और भारत के मुसलमानों का नाम लेकर अलग से। क्या इसका मतलब बताने की आवश्यकता है? पाकिस्तान का गृह मंत्री टी 20 जैसे सामान्य क्रिकेट के खेल को अगर मजहबी रूप देता है और इसकी जीत हार को मजहब की जीत हार बना देता है तो फिर इसका असर होना है। पाकिस्तान के साथ दुनिया और भारत में भी उसे इस रूप में लेने वाले लोग हैं।
शेख राशिद वैसे भी बड़बोले नेता है
क्रिकेट में भारत पर पाकिस्तान की विजय उनके लिए शायद एक बड़ा अवसर बन गया है। शेख राशिद वैसे भी बड़बोले नेता है पर उन्हें इमरान ने गृह मंत्री बनाया है तो जाहिर है उनके इस गुण को सही माना है। इमरान या दूसरे नेता क्रिकेट को मुसलमान कौम की विजय नहीं मानते तो निश्चित रूप से वे इसका खंडन करते। जाहिर है, यह समूची पाकिस्तानी सत्ता प्रतिष्ठान की सोच है जिसे शेख राशिद ने अभिव्यक्त किया है।
भारत को ठहराया था जिम्मेदार
उन्होंने कहा कि पहले इंग्लैंड और बाद में न्यूजीलैंड ने सुरक्षा का हवाला देते हुए जब पाकिस्तान के साथ खेलने से इनकार कर दिया और निर्धारित श्रृंखलाएं रद्द हो गई तब भी शेख राशिद और पाकिस्तान के बड़े-बड़े नेता क्रिकेटर सब इसके लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने लगे थे। इमरान सरकार के लिए अपमानजनक स्थिति थी और देखा जाए तो यह राष्ट्र के लिए भी अपमान की बात थी। विरोधियों ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया। इमरान निश्चित रूप से चाहते होंगे कि देश इन घटनाओं को भूल जाए। इसलिए इमरान सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से क्रिकेट विजय को मजहबी और भारत राष्ट्र पर विजय के रूप में परिणत करने की कुचेष्टा की है।