भारत ने आज कोरोना टीकाकरण का 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने डॉक्टरों, नर्सों और उन सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत ने इतिहास रचा, हम 130 करोड़ भारतीयों के विज्ञान, उद्यम और उनकी सामूहिक भावना कीविजय देख रहे हैं। 100 करोड़ टीकाकरण को पार करने पर भारत को बधाई। हमारे डॉक्टरों, नर्सों और इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए काम करने वाले सभी लोगों के प्रति आभार।
वहीं इस मौके पर बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि देश ने आज एक अरब टीकाकरण का आज जो ऐतिहासिक लक्ष्य हासिल किया है, उसकी गूंज वर्षों तक सुनाई देगी। इस सफलता से देश ने पूरे विश्व के समक्ष एक मिसाल प्रस्तुत की है। हमने साबित किया है कि भारत संपेरों का नहीं बल्कि असाधारण प्रतिभाओं का देश है। इस अभूतपूर्व सफलता के लिए प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी, देश के स्वास्थ्यकर्मियों व जनता के प्रति हृदय से आभार। इस अभियान में भाजपा के 6.5 लाख स्वास्थ्य स्वयंसेवकों की भी महत्ती भूमिका रही है, उन सभी का भी आभार।
कोरोना महामारी का यह भयावह दौर विश्व के हर मुल्क और उसके नागरिकों के लिए परीक्षा की घड़ी थी। इस वैश्विक महामारी ने आम और ख़ास दोनों मुल्कों को एक कतार में खड़ा कर दिया था। लेकिन प्रधानमन्त्री मोदी के नेतृत्व में देश ने इस आपदा को भारत की श्रेष्ठता दिखाने का अवसर बना दिया। दो-दो स्वदेशी वैक्सीनों का निर्माण करके भारत ने विश्व को पहले अपनी वैज्ञानिक क्षमता और दक्षता से रूबरू करवाया और अब महज 278 दिनों में एक अरब नागरिकों का टीकाकरण कर अपनी कार्यकुशलता और लोकतंत्र की ताकत से परिचित करवा दिया है। देश ने साबित कर दिया है कि यह नया भारत है जो संकट में मदद की बाट नहीं जोहता बल्कि खुद आगे बढ़कर दूसरों की मदद करता है।
100 करोड़ की यह संख्या अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, जापान, फ़्रांस, जर्मनी आदि देशों की कुल जनसंख्या से भी अधिक है। सीमित संसाधनों के बावजूद इस लक्ष्य को हासिल कर भारत पूरे विश्व के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है। इस सफलता ने पूरे विश्व को यह संदेश दिया है कि साफ़ नियत और सही विकास के जज्बे से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।
16 जनवरी से शुरू हुआ कोरोना टीकाकरण अभियान का यह सफ़र आसान नहीं था। भारत की सघन जनसंख्या को देखते हुए, कई विशेषज्ञ व मुल्क टीकाकरण पर आशंकाएं जाहिर कर रहे थे। विपक्षी दलों ने तो अपना पूरा ध्यान और प्रयास इस पूरे अभियान को पटरी से उतारने पर लगा दिया था। टीकों के खिलाफ कई तरह की नकारात्मक कहानियां गढ़ी गयीं, इसे भाजपा का वैक्सीन भी बताते हुए कई नेताओं ने प्रारंभ में इसे लेने से इंकार कर दिया था। भय और भ्रम का माहौल खड़ा करने की पुरज़ोर कोशिशें हुईं। लेकिन सरकार अपने लक्ष्य के तरफ दृढ़ता से बढ़ती रही और वैक्सीनों की सुरक्षा और उपयोगिता को लेकर तमाम आशंकाओं को निर्मूल साबित कर दिया।
आने वाले कुछ महीने काफी महत्वपूर्ण होने वाले हैं। हमें सतर्कता बनाए रखने के साथ ही नए वेरिएंट्स पर भी नजर रखनी है, क्योंकि नए वेरिएंट की उत्पत्ति या वेरिएंट ऑफ कंसर्न पूरी तरह अप्रत्याशित होता है। इससे बचाव के लिए टीकाकरण ही एकमात्र सुरक्षित रास्ता है। इसलिए जिन लोगों ने अभी तक टीका नहीं लिया है, उन्हें जल्द से जल्द इसे ले लेना चाहिए। कोरोना के खिलाफ चल रही यह जंग अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। इसीलिए सभी से मेरी अपील है कि जिन्होंने ने भी अभी तक टीका नहीं लिया है, उन्हें इसके लिए प्रेरित करें. आपसी एकजुटता से ही हमें कोरोना पर विजय प्राप्त होगी।