संदेहास्पद स्थिति में युवक को लगी गोली
आरा : भोजपुर जिले के गजराजगंज ओपी अंतर्गत बडकागाँव के समीप आरा-बक्सर नेशनल हाईवे गुरुवार की देर रात कुछ अज्ञात अपराधियों ने एक युवक को संदेहास्पद स्थिति में गोली मारकर घायल कर दिया| उसे आरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है| जख्मी नवादा थानान्तर्गत गिरजा मोड़ स्थित कृष्णानगर निवासी 21 वर्षीय पुत्र मुन्ना ठाकुर है।
गजराजगंज ओपी प्रभारी ने बताया कि गुरुवार की देर रात जब वह बाइक से दशहरा घूम कर वापस घर लौट रहा था तभी बड़कागांव के समीप उसे किसी ने संदेहास्पद स्थिति में गोली मार कर घायल कर दिया। हालांकि जख्मी युवक को गोली कैसे लगी, पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खुद से गोली लगने की बात सामने आ रही है। पुलिस अपने स्तर से मामले की छानबीन कर रही है।
आरा शहर के नामकरण की प्रचलित मान्यताएं
आरा : आरा एक अति प्राचीन शहर है| इसका ऐतिहासिक महत्त्व भी है तथा इसे छोटा बनारस के नामे से भी जाना जाता है| इस शहर के नामकरण की प्रचलित कहानियों में इसके ऐतिहासिक होने के प्रमाण मिलते है, महाभारतकालीन अवशेष यहां बिखरे पड़े हैं। पुराणों में लिखित मोरध्वज की कथा से भी इस नगर का संबंध बताया जाता है द्वापर युग में राजा मोरध्वज के समय चारों ओर वन था। घने जंगल से घिरा होने के कारण ये ‘आरण्य क्षेत्र’ के नाम से जाना जाता था।
महाभारत काल में पांडवों ने भी अपना गुप्त वासकाल यहां बिताया था, बताया जाता है कि घने जंगल के बीच आरण्य देवी (आरा) उक्त स्थल पर प्राचीन काल में सिर्फ आदिशक्ति की प्रतिमा थी। यह मंदिर आज भी पुराने तथा नए आरा में बीचो-बीच स्थित है| इस शहर का नाम पूर्व में एकचक्रपुर था बाद में आरण्य के नाम पर इस शहर का नाम आरा पडा| युधिष्ठिर ने इस मंदिर में पूजा भी की थी|
जेनरल कनिंघम के अनुसार ह्वेन्शांग द्वारा उल्लिखित कहानी का संबंध, जिसमें अशोक ने दानवों के बौद्ध होने के संस्मरणस्वरूप एक बौद्ध स्तूप खड़ा किया था, इसी स्थान से है। दूसरी कहानी आरा के पश्चिम स्थित मसाढ़ ग्राम में प्राप्त जैन अभिलेखों में उल्लिखित ‘आराम नगर’ नाम भी इसी नगर के लिए आया है।
तीसरी कहानी के अनुसार इस नगर के नामकरण में भौगोलिक कारण बताते हुए कहा कि गया है गंगा के दक्षिण ऊंचे स्थान पर स्थित होने के कारण, अर्थात् आड या अरार में होने के कारण, इसका नाम ‘आरा’ पड़ा।
राजीव एन अग्रवाल की रिपोर्ट