राजधानी समेत कई जिलों में विधिवत पूजा-अर्चना के साथ सोमवार को मां दुर्गा की प्रतिमा का पट खोल दिया गया। नवरात्र की षष्ठी तिथि को कलश स्थापित कर जगतजननी की पूजा की जाती है। मां दुर्गा की प्रतिमा का पट खुलते ही जयकारों से पूजन स्थल गूंज उठा। श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा गया। पूजा के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर पूरा ख्याल रखा गया।
गौरतलब है कि कोरोना के चलते हर पर्व-त्योहार फीका पड़ गया। दशहरा पर भी इसका असर देखा जा रहा है। शहर में किसी भी स्थान पर बडे पंडाल का निर्माण नहीं कराया गया है। प्रतिमाएं भी काफी छोटी-छोटी बनाई गई हैं। प्रतिमा स्थापित होने वाले स्थान पर सिर्फ मंडप का निर्माण कराया गया है। शासन-प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए पारंपरिक तरीके से और विधि विधान से माता की पूजा अर्चना की जा रही है।
उधर नवादा के रेलवे कॉलोनी पूजा समिति के अध्यक्ष चंद्रिका राय ने बताया कि परंपरा के अनुसार और बंगला रीति रिवाज से पूजा होने के चलते यहां षष्ठी तिथि को ही प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती है। शहर के विभिन्न स्थानों पर कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए दुर्गा पूजा की तैयारी की गई है। नवरात्र की सप्तमी तिथि को वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मां दुर्गा की प्रतिमाओं के पट खोले जाएंगे। कोरोना के चलते तैयारियों पर असर पड़ा है, लेकिन उत्साह बरकरार है।