तस्वीरों में देखिए, ‘इक्कीस’ साबित हुए चिराग, लालू की केंद्र से मांग- पासवान भाई को मिले भारत रत्न
पटना : शुक्रवार को लोजपा के संस्थापक पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की प्रथम पुण्यतिथि मनाई गई। पुण्यतिथि के मौके पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन रामविलास पासवान के छोटे भाई, केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस द्वारा पटना में किया गया। वहीं, दिल्ली में चिराग पासवान द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इसी दौरान राजद सुप्रीमो ने रामविलास पासवान को दलितों, वंचितों की आवाज व मंडल कमीशन लागू कराने वाले प्रमुख नेताओं में से एक बताते हुए केंद्र सरकार से भारत रत्न देने की मांग की। साथ ही चिराग पासवान को ही रामविलास पासवान का असली उत्तराधिकारी बताया।
बिहार की राजनीति में या फिर भारत की राजनीति में श्रद्धांजलि या जयंती समारोह राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए होती है। वैसे भी जब एक पार्टी दो गुटों में बंट जाती है तब यह राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई हो जाती है। इसमें यह आकलन किया जाता है कि किस गुट का पलड़ा भारी रहा और इसका आकलन किस आधार पर होता है कि वर्तमान समय में देश की राजनीति के महत्वपूर्ण लोग किस गुट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस परिप्रेक्ष्य में अगर बात करें तो बीते दिन संपन्न श्रद्धांजलि सभा के आधार पर चिराग गुट का पलड़ा भारी दिखा। क्योंकि, पशुपति कुमार पारस द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बड़े नेता के तौर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा नेता सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह शामिल हुए।
वहीं, चिराग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाजपा के दिग्गज नेता राजनाथ सिंह, जो कि चिराग को एनडीए में ले जाने के सूत्रधार थे। सिंह के अलावा प्रमुख नेता के तौर पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी मीसा भारती, कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला, बिहार से ही जाप सुप्रीमो पप्पू यादव, भाकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, उत्तर प्रदेश भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वर्तमान केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे समेत, शरद यादव का परिवार समेत कई नेता शामिल हुए। इसके अलावा मीडिया जगत से कई टीवी चैनलों के मैनेजिंग एडिटर और संपादक श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए।
इस आधार पर यह कहा जा रहा है कि राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन में एक बार फिर चिराग पासवान ‘इक्कीस’ साबित हुए हैं। वहीं, पशुपति कुमार पारस एक बार फिर पीछे रह गए। वे ‘उन्नीस’ साबित हुए।
पशुपति कुमार पारस द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह व राजद में हाशिए पर चल रहे तेजप्रताप यादव शामिल हुए।