बक्सर पुलिस की अमानवीय चेहरा उपी से वायरल

चार अक्टूबर की तस्वीर हथकड़ी लगे हुए (वायरल तस्वीर)

-गिरफ्तारी दिखाई नहीं हथकड़ी लगा भेज दिया अस्पताल
बक्सर : बिहार की पुलिस कभी-कभी ऐसा कारनामा करती है। जिसकी वजह से उसकी भद पीट जाती है। इस बार तो कुछ ज्यादा ही हो गया है। धनसोई पुलिस ने दो लोगों को हथकड़ी लगाकर जेल नहीं अस्पताल भेज दिया। एक हथकड़ी में दो लोग। घटना गांधी जयंती अर्थात दो अक्टूबर की है। धनसोई पुलिस ने सिकठी के पैक्स अध्यक्ष निशांत कुमार सिंह व उनके भाई को बक्सर अस्पताल से हिरासत में लिया और वाराणसी उपचार के लिए भेजा।

ट्रामा सेंटर में इलाजरत लोगों की खोल दी गई हथकड़ी, तस्वीर छह अक्टूबर

वहां ट्रामा सेंटर में उपचार के दौरान इस दृश्य को एक अधिवक्ता ने देखा। दिनेश दीक्षित ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय से की। उन्होंने हवाला दिया यह कानूनी निर्देशों की अनदेखी और मानवाधिकारों का हनन है। वहां से मामले पर संज्ञान लिया गया। भेलूपुर थाने को जांच मिली। इसी बीच सूचना मिली है कि बुधवार को शाम छह बजे ट्रामा सेंटर में इलाजरत निशांत सिंह व उनके भाई अमरीश की हथकड़ी खोल दी गई हैं।

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इस मामले में एक और चौकाने वाला तथ्य सामने आया है। निशांत सिंह के अधिवक्ता ने व्यवहार न्यायालय में जमानत के लिए अर्जी डाली तो पता चला अभी उनकी गिरफ्तारी हुई ही नहीं है। अर्थात बगैर गिरफ्तारी दिखाए पुलिस ने उन लोगों को बक्सर सदर अस्पताल से हिरासत में लिया और वाराणसी भेज दिया। अर्थात उनकी गिरफ्तारी वाराणसी से आने के बाद दिखाई जाएगी। तो पहले हथकड़ी लगी कैसे ? यह सवाल पुलिस के लिए सरदर्द बन सकता है। न्यायालय में धनसोई पुलिस की फजीहत हो सकती है।

ब्यूरो रिपोर्ट बक्सर

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